Tuesday 9 August 2016

শুভ কামনা. দীপা কর্মকার

Mahendra Yadav
बहुत शानदार दीपा कर्मकार। ओलंपिक में जिम्नास्टिक्स में फाइनल में जगह बनाकर आपने साबित कर दिया कि आप वाकई कर्मकार हैं, करमाकर नहीं। बांग्ला में आपका नाम দীপা কর্মকার ही लिखा जाता है, जो बांग्ला न जानने वाला भी आसानी से पढ़ और समझ सकता है। आप अर्जुन नहीं, एकलव्य की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं, और किसी असत्य या सत्य साईं की भक्त भी नहीं हैं।
जाने-अनजाने अंग्रेजी स्पेलिंग के कारण आपको कर्माकर लिखा जा रहा है ताकि आपके नाम से महाराष्ट्रीय चितपावन ब्राह्मण की झलक मिले। मिलता-जुलता सरनेम करमरकर महाराष्ट्रीय ब्राह्मणों में होता ही है जिसे अक्सर लोग कर्माकर ही लिख देते हैं।
कर्मकार बंगाल और त्रिपुरा की जाति होती है जिसका परंपरागत पेशा लोहे के औजार बनाने का रहा है। उत्तर भारत की विश्वकर्मा जाति से भी इसे समझा जा सकता है।
ऐसे मेहनतकश और हुनरमंद समाज से निकलकर दीपा पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट बनी हैं जिन्होंने 1965 के बाद से पहली बार फाइनल में जगह बनाई है। दीपा 2014 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में और 2015 के हिरोशिमा एशियाड में कांस्यपदक जीत चुकी हैं। इस बार ओलंपिक गोल्ड मेडल की बारी है।
শুভ কামনা. দীপা কর্মকার

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