Wednesday, 17 August 2016

Ujjwal Bhattacharya मैं अपने नाम के साथ भट्टाचार्य क्यों लिखता हूं ? यह हलफ़नामा है. हज़ारों सालों से सवर्णों ने जो अत्याचार किये, उसका बोझ मेरे कंधों पर है. भट्टाचार्य लिखते हुए मैं इसे कबूल करता हूं. यह इकबाली बयान किसी के साथ रियायत नहीं है, और न ही किसी दबाव के चलते ऐसा करता हूं - अपने-आप को, अपनी दुनिया को समझने के लिये ऐसा करता हूं.

मैं अपने नाम के साथ भट्टाचार्य क्यों लिखता हूं ?
यह हलफ़नामा है. हज़ारों सालों से सवर्णों ने जो अत्याचार किये, उसका बोझ मेरे कंधों पर है. भट्टाचार्य लिखते हुए मैं इसे कबूल करता हूं. यह इकबाली बयान किसी के साथ रियायत नहीं है, और न ही किसी दबाव के चलते ऐसा करता हूं - अपने-आप को, अपनी दुनिया को समझने के लिये ऐसा करता हूं.

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